यह प्यार का मौसम है, वेलेंटाइन डे का खुमार अपने शबाब पर है। 14 फरवरी (वेलेंटाइन डे) के दिन पूरी दुनिया के लोग प्यार के इस रंग में रंग जाएंगे, ऐसे में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की फेहरिस्त में गिने जाने वाले भारत के उद्योगपति रतन टाटा ने भी अपने अधूरे प्यार की कहानी दुनिया के सामने शेयर की है।
मौका जब बसंत ऋतु का हो तो रतन टाटा जैसी बड़ी हस्ती की लव स्टोरी के बारे में जानना और भी ज्यादा दिलचस्प हो जाता है।
दरअसल, रतन टाटा ने फेसबुक पेज 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' पर अपनी प्रेम कहानी का दुनिया के सामने खुलासा किया है। उन्होंने अपनी पढ़ाई, कॉलेज डेज, माता-पिता के अलग होने और अपने स्ट्रगल के दिनों को बेहद ही मार्मिक अंदाज में बयां किया है। आइए जानते हैं रतन टाटा की जुबानी, उनके प्यार की अधूरी कहानी।
82 साल के हो चुके रतन टाटा ने तीन सीरीज की अपनी कहानी की पहली सीरीज में शेयर किया कि उनका बचपन काफी खुशहाल था, वे बेहद खुश थे और मस्ती करते थे, लेकिन माता-पिता के तलाक की वजह से उनकी जिंदगी में थोड़ी निराशा आ गई। इसी वजह से उनके भाई को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
दरअसल, जब रतन टाटा सिर्फ 10 साल के थे, उसी छोटी उम्र में रतन टाटा के पिता नवल और मां सोनी टाटा का तलाक हो गया था। यह घटना उन्हें बेहद निराश करने वाली थी।
रतन टाटा की यह कहानी फेसबुक पर आने के बाद पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। उसे अब तक 21 हजार से ज्यादा रिएक्शन और 2 हजार से ज्यादा शेयर मिल चुके हैं। इस कहानी पर हजारों लोग लगातार कमेंट कर रहे हैं।
रतन टाटा ने इस पोस्ट में अपनी दादी को याद करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने यह अहसास दिलाया कि वैल्यूज यानी मूल्य क्या होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे आज भी याद है कि किस तरह दूसरे विश्वयुद्ध के बाद वह मुझे और मेरे भाई को गर्मियों की छुट्टियों के लिए लंदन लेकर चली गईं थीं। वास्तव में वहीं से उन्होंने मेरे भीतर मूल्य के बीत बोए। दादी ही हमें बताती थीं कि यह नहीं करना चाहिए, वैसा नहीं करना चाहिए। किस बारे में रिएक्ट करना है, किस बारे में शांम रहो आदि। उन्होंने कहा- मुझे लगता है यही वो दिन थे, जब हमें समझ आ गया या हमारे दिमाग में यह बात डाल दी गई कि प्रतिष्ठा सबसे ऊपर की चीज है।
उन्होंने अपने पिता के साथ मतभेद के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा,
‘मैं वॉइलीन सीखना चाहता था और मेरे पिता मुझे पियानो सीखने के लिए कहते थे। मैं पढ़ाई के लिए अमेरिका के कॉलेज में जाना चाहता था, जबकि पिता चाहते थे कि मैं लंदन जाऊं। मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था और वो कहते थे इंजीनियर बनो’ इससे मेरे और पिता के बीच मतभेद जैसा था। लेकिन फायनली अपनी दादी की मदद से वे पढ़ने के लिए अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी गए।
लेकिन पिता उनके आर्किटेक्ट से ग्रेजुएशन करने पर नाराज हो गए। हालांकि पिता की बात न सुनते हुए उन्होंने लॉस एंजेलिस में करीब दो साल तक नौकरी की।
लॉस एंजेलिस के दिनों को याद करते हुए टाटा भावुक हो जाते हैं, वे कहते हैं। वे बेहद अच्छे दिन थे। काफी अच्छा समय था, मौसम बहुत खूबसूरत था, मेरे पास अपनी गाड़ी थी और मुझे अपनी नौकरी से प्यार था।
जवानी के उन्हीं दिनों में टाटा प्यार में पड़गए। जिससे टाटा प्यार करते थे वो लडकी लॉस एंजेलिस की थी। कुछ दिन गुजारने के बाद वे उसी लडकी से शादी करने वाले थे। लेकिन दादी की तबियत अचानक खराब हो जाने के कारण उन्हें भारत वापस आना पड़ा। तब टाटा ने सोचा था कि वे घर जाकर बात करेंगे और जिस लड़की से वे मुहब्बत करते हैं, उसे भी अपने देश, अपने घर ले आएंगे, लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था शायद।
उन्होंने बताया कि उन दिनों 1962 का साल था और भारत और चीन के बीच लड़ाई चल रही थी।
इसी युध्द के चलते उनके माता पिता नहीं चाहते थे कि वो लड़की भारत आए। बस सिर्फ इसी वजह से रतन टाटा का प्यार अधूरा रह गया, हमेशा के लिए।
The Renowned Industrialist Ratan Tata recently opened up about why he never got married. He was working at an architecture firm in Los Angeles, after College, he fell in love with someone Whom he really wanted to marry. Ratan Tata's grandmother was not well thus he had to move to India. He was under the impression that the woman he loved would come with him to India and they would get married, but due to the Indo-China war, her parents did not allow her to move to India with him, and eventually, they got married to someone else...To date, Ratan tata stood to his commitment and never got married!
"Learn to love someone like the size of an ocean! Two souls who have once loved each other truly can never unlove each other, both of the bodies might be at different places, in different corners of the world, but true souls in love will always be connected, via good memories and prayers always. Always be loyal to yourself, the commitment you made to yourself, not just to your partner. Stay loyal cause at the end of the day you will Have to face yourself!
The month of Feb, the month of love! True love might not win always, but it never dies as well!"
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