यह प्यार का मौसम है, वेलेंटाइन डे का खुमार अपने शबाब पर है। 14 फरवरी (वेलेंटाइन डे) के दिन पूरी दुनिया के लोग प्यार के इस रंग में रंग जाएंगे, ऐसे में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की फेहरिस्त में गिने जाने वाले भारत के उद्योगपति रतन टाटा ने भी अपने अधूरे प्यार की कहानी दुनिया के सामने शेयर की है। मौका जब बसंत ऋतु का हो तो रतन टाटा जैसी बड़ी हस्ती की लव स्टोरी के बारे में जानना और भी ज्यादा दिलचस्प हो जाता है। दरअसल, रतन टाटा ने फेसबुक पेज 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' पर अपनी प्रेम कहानी का दुनिया के सामने खुलासा किया है। उन्होंने अपनी पढ़ाई, कॉलेज डेज, माता-पिता के अलग होने और अपने स्ट्रगल के दिनों को बेहद ही मार्मिक अंदाज में बयां किया है। आइए जानते हैं रतन टाटा की जुबानी, उनके प्यार की अधूरी कहानी। 82 साल के हो चुके रतन टाटा ने तीन सीरीज की अपनी कहानी की पहली सीरीज में शेयर किया कि उनका बचपन काफी खुशहाल था, वे बेहद खुश थे और मस्ती करते थे, लेकिन माता-पिता के तलाक की वजह से उनकी जिंदगी में थोड़ी निराशा आ गई। इसी वजह से उनके भाई को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था। द
1. Rise of the Peshwa Bajirao Ballal Bhat also known as Bajirao I was appointed as Peshwa (Prime Minister) to the fourth Chhatrapati (Emperor) Chhatrapati Sahu ji Maharaja. The king had recognized his talents at an early age. Though, being a Brahmin, Bajirao made full use of the opportunity and honor bestowed upon him. He fought 41 battles for the king and never lost one which earned him great respect across the Maratha kingdom. Share Peshwa Bajirao statue at Shaniwar Wada He is credited with expanding the Maratha Empire, especially in the north. 2. Maharaja Chhatrasaal and his daughter “Mastani” Chhatrasaal was a Bundela, Rajput warrior who fought valiantly against Mughal emperor Aurangzeb to establish his empire in Bundelkhand. During his time, the kingdom was rich and prosperous. The kingdom owned the diamond mines of Panna. Share King Chhatrasaal fighting the Mughal Generals Chhatrasaal himself was a chief propagator of the Pranami faith that sought to bring together Islam an